पडरौना : युवावो ने श्रधांजलि दी।
पडरौना सुबाष चौक पर पडरौना के कुछ क्षात्रो ने मिल कर उन लोगो को श्रधांजलि अर्पित की
जिनका नॉट बंदी के प्रभाव से देहांत हो गया है। छात्रों का कहना है की असंतुलित नीति के
कारन ऐसी घटनाये हुई।
नॉट बंदी को आज ३२ दिन हो गए और अभी तक बैंको की लानिओ में को कमी नहीं आयी
पडरौना में वैसे तो गिनाने की लिए ४२ ए. टी. ऍम. है लेकिन इनमे से १०% ही खुले रहते है।
स्थानीय लोगो का कहना है की पैसे लेने के लिए लानिओ में रोजाना लोग आ रहे है उनमे
से २०% तो पैसे पा जा रहे है। और ८०% बिना पैसे के चले जा रहे है। ऐसे में आने जाने में उनके
पास बचे छूटे पैसे भी खर्च हो जा रहे है। अब हालात ऐसे हो गए है की घर का खर्च चलाना भी
मुश्किल हो गया है।
हमारी सरकार से अपील है की उन सहारो पर विशेष धयान देना चाहिए जिनके ऊपर सबसे
अधिक जनता आश्रित है। पडरौना में केवल पैसे निकले के लिया १५-२० किलोमीटर से लोग
आते है क्यों की इसके अलावा और उस इलाके में कोई ए. टी. ऍम. ही नहीं है। उदहारण के
लिए तुर्कपट्टी , कुबेरस्थान , सिवपुर ये कसबे बिकसित होने के बाद भी यहाँ आज तक कोई
आ.टी.म नही है। और इनका एक मात्रा आश पडरौना शहर ही है।
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